दिल्ली (एकता): गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के विभिन्न जगहों पर मनाया जाता है। आज घर-घर बप्पा विराजेंगे। गणपति उत्सव का इंतजार हर किसी को रहता है। खासकर बप्पा की मूर्ति स्थापना को लेकर लोग काफी उत्साहित होते हैं। अगर आप बप्पा की मूर्ति स्थापना करने वाले हैं तो आपको इसकी शुरुआत शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए।

आइए जानिए क्या है आपके लिए शुभ मुहूर्त का समय
बता दें कि भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना 10 दिनों तक की जाती है। अगर आप बप्पा की मूर्ति स्थापना करने वाले हैं तो 11 बजकर 18 मिनट से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट के बीच मूर्ति स्थापना कर सकते हैं। क्योंकि 01:34 तक स्वाति नक्षत्र रहेगा। पूजा के लिए सबसे पहले श्री गणेश का आवाहन करते हुए ‘ऊं गन गणपतए नमः’ मंत्र का उच्चारण करें। प्रतिमा पर जल छड़कें। इसके बाद भगवान को हल्दी, चंदन , गुलाल सिंदूर , मौली , र्वा ,जनेऊ , मिठाई , मोदक , फल , माला, और फूल सभी चीजें एक-एक कर भगवान को अर्पित करें।
जानिए कब होगा बप्पा का विसर्जन
आज गणेश चतुर्थी पर रवि योग में बप्पा का आगमन होगा। मंगलवार 19 सितंबर को सुबह 06:08 से रवि योग शुरू गो जाएगा, जो दोपहर 01:48 तक रहेगा। खास बात यह है कि इस साल गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ब्रह्म, शुक्ल और शुभ योग का अद्भुत संयोग बना है। साथ ही स्वाति नक्षत्र और विशाखा नक्षत्र भी रहेंगे। गणेश चतुर्थी से 10 दिन के गणपति उत्सव शुरू हो जाते हैं। जगह-जगह गजानन के आगमन के लिए झांकियां सजाई जाती है। कहते हैं भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन माता पार्वती के लाल गणपति का जन्म हुआ था। कहते हैं उस दिन स्वाति नक्षत्र और अभिजित मुहूर्त में गणपति जन्मे थे। 19 सितंबर 2023 को गणेश चतुर्थी पर भी यही संयोग बन रहा है। बता दें कि इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023, गुुरुवार को है। मान्यता के अनुसार इस दिन विधि विधान से पूजन कर बप्पा का विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी पर करें धन लाभ का उपाय
गणेश चतुर्थी के दिन घर के अलावा दुकान, ऑफिस में भी गणपति जी की पूजा की जाती है। धन लाभ की इच्छा के लिए मूर्ति के साथ गणेश यंत्र भी स्थापित करें। इससे घर में किसी तरह की बुरी शक्ति प्रवेश नहीं करती।
ये है गणपति की सबसे शुभ मूर्ति
अगर आप घर में मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो आपको गणपति की बाईं सूंड वाली मूर्ति लानी चाहिए। ये शुभ मानी जाती है। क्योंकि गणपति में सूर्य का प्रभाव होता हैं, ऐसे पूजा अधिकतर मंदिरों में की जाती है।
गणेश चतुर्थी की पूजा में शामिल करें ये चीजें
इस दिन पूजा के लिए गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति, पूजा के लिए चौकी, लाल या पीला कपड़ा, कलश, इलाइची, पान, दूर्वा, पंचामृत, मोदक या बेसन के लड्डू, सुपारी, पंचमेवा, अक्षत, सुपारी, लौंग, , आम के पत्ते, सिंदूर, लाल फूल, जनेऊ, गंगाजल, कुमकुम, हल्दी, मौली,नारियल, घी, कपूर, चंदन लाना चाहिए।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र व कर्नाटका में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है।