दिल्ली (एकता): वैसे तो राजधानी दिल्ली में कई ऐतिहासिक मंदिर है। जितने यह मंदिर पुराने हैं उतना ही इनका इतिहास भी पुराना ही है। कई मंदिर तो ऐसे हैं जिनका रहस्य अपने आप में छिपा हुआ है। राजधानी में चमत्कारी मंदिर भी हैं। आज में हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अनोखा और रोचक है।
इस मंदिर का नाम छतरपुर है जो दक्षिण दिल्ली में स्थित है। इस मंदिर की कुछ अनोखी ही खासियत है। इस मंदिर में हर किसी की मनोकामना पूरी होती है। उनकी झोली कभी भी खाली नहीं जाती। मीडिया सूत्रों के अनुसार 2005 में दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर बनने से पहले यह छतरपुर मंदिर काफी प्रसिद्ध था।
यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर हुआ करता था। इसकी अपने आप में खास पहचान थी। लोग दूर-दूर से यहां दर्शनों के लिए आते हैं। इस मंदिर को कात्यायनी देवी का छतरपुर मंदिर कहा जाता है। लेकिन कई लोग इसे छतरपुर मंदिर के नाम से भी जानते हैं। इस मंदिर को संगमरमर पत्थरों से तैयार किया गया है। सभी जगहों को अच्छी तरह से बनवाया गया है।
यह कुतुब मीनार से सिर्फ 4 किमी की दूरी पर ही स्थित है। हालांकि इस मंदिर को नवरात्री के मौके पर ही खोला जाता है। हजारों भक्त यहां दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर में चांदी से बनी हुई खुरसिया और टेबल हैं जिन्हें काफी अच्छे तरीके से एक कमरे में सजाया गया है। खास बात यह है कि इस मंदिर के गेट पर ही एक पुराना पेड़ है और लोग यहां पवित्र धागे और चूड़ियां बांधते हैं। उनकी हर इच्छा पूरी होती है।